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जेनिटी ट्रेन की अनसुलझी कहानी

 

एक पूरी ट्रेन जब ग़ायब हो गई

"जेनिटी" नामक  एक ट्रेन कि कंपनी जो अपने पहले ट्रेन के ट्राइल मे ही ट्रेन के 06 सदस्यों समेत कुल 100 मुसाफिरों के साथ अचानक ही कहीं गायब हो गई। आइए  जानते है पूरी कहाँ क्या है?

 ये बात है सन 1911 ईस्वी की, इटली कि एक ट्रेन की कंपनी है जेनिटी जो कि इटली के  रेल्वे के लिए कोचेस, इंजन.. इत्यादि बनाते थे। तो, जेनिटी  ने एक ट्रेन बनाई और उसका ट्राइल लेने के लिए उन्होंने एक ऑफर निकाला के कुछ पेसेन्जर को उस ट्रेन मे  बीठा कर कुछ दूरी तक की सफर कराई जाय फिर उनसे उस ट्रेन के बारे मे उनका मन्तव्य लिया जाय। तो, जेनिटी कंपनी के इस ऑफर पर काफी सारे लोगों ने उस सफर मे साथ चलाने के लिए तैयार हुए, परंतु जेनिटी कंपनी ने उसमे से कुल 100 यात्रियों को ही चुना जो कि इस सफर पर जाने वाले थे। ये  सफर बिल्कुल ही मुफ़्त था, साथ मे  खाने- पीने का भी पूरा इंतजाम कंपनी के तरफ से किया गया था। चूंकि एक तय दूरी तक उनको ले जानना था फिर साथ मे ही उन सब को वापस भी लाना था इस लिए उन्होंने ये सारा इंतजाम किया हुआ था।

ये ट्रेन सन 1911 मे अपने समयानुसार अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस था। इस ट्रेन मे कुल 100 पेसेन्जर और 6 उस  ट्रेन के टेक्निकल कर्मचारी (ड्राइवर, को-ड्राइवर, गार्ड ... इत्यादि) थे। इस  ट्रेन मे कुल 03 डब्बे थे जिसको के एक तय जगह से तय जगह को ले जाना था। इस सफर के दौरान ट्रेन को लोमबाड़ी पहाड़ी के सुरंग से भी गुजरना था। इस सुरंग मे सबसे खास बात ये थी की उस वक्त के हिसाब से उतनी लंबी सुरंग बहुत ही कम हुआ करती थी उस समय उस सुरंग कि लंबाई करीब आधा मिल का हुआ करता था। 

लोग काफी ज्यादा खुशी महसूस कर रहे था आखिर हों भी क्यूँ न वो उस ट्रेन के  पहले  मुशाफ़िर के  रूप मे अपना नाम इतिहास के  पन्नों मे  दर्ज करने जो जा रहे थे। आखिरकार वो दिन भी आ गया  जिस दिन उस ट्रेन का  ट्राइल होने वाला था। ट्रेन अपने पहले  सफर पर निकाल पड़ा जिसमे कुल 100 मुशाफ़िर और 6 ट्रेन के कर्मचारी मौजूद  थे। ट्रेन ने अपनी अच्छी-खाशी दूरी तय कर ली थी चूंकि ट्रेन का पहला सफर था इस लिए उसके मुशाफ़िरों की खहतिर-दारी भी खूब हो रही थी।

ट्रेन ने अपनी अच्छी-खाशी दूरी तय कर लेने कि वजह से वो काफी सारे स्टेशन से गुजरा जिसमे उसको काफी सारे लोगों ने भी देखा था। जब ये ट्रेन लोमबाड़ी पहाड़ी के सुरंग मे प्रवेश किया जो कि करीब आधे मिल जितना लंबा था, मगर वो ट्रेन दूसरी तरफ से निकल ही नहीं। कुछ वक्त तक लोगों ने उसका इंतज्जर भी किया मगर उस ट्रेन को बाहर निकलते न देख अगले  स्टेशन के  सभी कर्मचारी बड़े हैरान हुए। क्यूंकी वो उस ट्रेन का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहा था चूंकि वो सफर उस  ट्रेन का  पहला सफर जो था मगर वो ट्रेन उस सुरंग मे  दाखिल तो हुआ मगर बाहर ही नहीं निकला। जब रेलवे ने मीडिया को बताया के जेनिटी कॉम्पनी कि एक पूरी ट्रेन ही लापता  हो गई  है। तो पूरे इटली मे हड़कम्प मैच गया।

ट्रेन कि खोज  शुरू की गई। जहां जहां से वो ट्रेन गुजरी थी उन सभी स्टेशनों पर भी पूछताछ कि गई जिन लोगों ने लोमबाड़ी पहाड़ी के सुरंग के पहले उस ट्रेन को देखा था उन सभी चसमदीदों से भी पूछ - ताछ कि गई। लेकिन उस ट्रेन का लोमबाड़ी पहाड़ी कि सुरंग के भीतर जाने तक तो सब ने देखा मगर उस सुरंग के बाहर आने का कोई सबूत नहीं था। तो जांच अधिकारियों ने ये तय किया के ट्रेन के गायब होने के पीछे का सच लोमबाड़ी पहाड़ी मे बनी वो सुरंग के भीतर जाने के बाद ही मिलेगी। 

पूरी टीम सुरंग के भीतर गई इस उम्मीद से कि कहीं कोई ऐसी चीज हो उस रेल्वे ट्रैक के साथ जैसे - कोई गुफा, या कोई भीतरी सुरंग .. । जिसमे वो पूरी ट्रेन छुप सके जिसमे 3 डिब्बा है जो के 100 यात्रियों से भारी हुई थी। लेकिन कोई सुराग न मिला। उस ट्रैक कि पूरी तरह से जांच कर ली गई हर वो पथर, हर वो रास्ते जिसपर से वो तराई गुजरी थी हर उस कीज को छन लिया गया लेकिन ट्रेन का कोई पता नहीं चला। 

वक्त अपनी रफ्तार से बीतता चल गया इन्क्वायरी कमिशन बैठी जांच चल रही थी। आखिर कार एक पूरी कि पूरी ट्रेन ही गायब हो गई थी। इस बात को कोई हजम करना नामुमकिन था। मीडिया मे तरह तरह कि खबरें चलनी शुरू हो गईं । लेकिन फिर भी तलाश जारी थी लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा था।

कुछ लोगों का कहना था के  वो ट्रेन इटली से निकाल कर कही और चली गई है। इतना ही नहीं , एक दिन अचानक से दो शक्स सामने आए जो के मेक्सिको के रहने वाले थे, उनका कहना था कि वो उस ट्रेन का मुशाफ़िर था और उस 100 मुशाफ़िरों के उस लिस्ट मे उनका भी नाम मौजूद है। उनके बयान के मुताबिक " जब ट्रेन लोमबाड़ी पहाड़ी के उस सुरंग मे प्रवेश कर रही थी। ठीक उसी वक्त एक जोरदार आवाज सुनाई दिया जिसको देखने के लिए वो ट्रेन के दरवाजे कि ओर भागे तो बाहर उन्हे सफेद धुआँ दिखाई दिया तो वे दोनों घबरा गए और ठीक उनके डब्बे के सुरंग मे प्रवेश होने के पहले वो चलती ट्रेन से नीचे कूद गए।  उन दोनों कि मानसिक हालत कुछ ठीक नहीं थी। उनके इस बात के बाद उनको मनोचिकित्सक से भी दिखाया गया। इसके साथ वो कुछ ऊटपटाँग बातें भी कर रहें थे। जब रेलवे ने उनके उस ट्रेन मे सवार होने के बात कि पुष्टि कि गई तो ये उनकी ये बात बिल्कुल सही निकली के वो उस दिन उस ट्रेन मे सवार थे। लेकिन उन दोनों के अलावा कोई ओर चसमदीद सामने नहीं आया तो सिर्फ उन दोनों की बात पर कि सुरंग मे घुसते ही एक अजीबो -गरीब घटना हुई ओर ट्रेन गायब हो गई । इसका कोई फायदा जांच टीम को नहीं दिखी।

कुछ दिनों के बाद एक और दावा सामने आया इस बार भी ये दावा मैक्सिको से आया था तथा इस बार ये दावा मैक्सिको की एक मनोचिकित्सक ने किया था। उनका कहना था के उस ट्रेन वाली  घटना के घटने के कुछ दिनों के बाद उनके पास करीब 104 मरीज इलाज के लिए आए थे और वो 104 मरीज मानसिक रूप परेशान थे और बीमार थे। अजीब तरह कि हरकते और बाते  भी कर रहे थे। लेकिन वे न तो कुछ बात पा रहे थे और नया अपने हालत को बयान कर पा रहे थे।

ये बात धीरे -धीरे इटली पहुंची तो वहाँ के लोग घबरा गए । चूंकि उस ट्रैनन मे कॉल 106 लोग थे जिसमे से 02 लोगों ने पहले ही दावा किया था के वो चलती ट्रेन से कूद गए थे और अब मैक्सिको के एक डॉक्टर ने 104 मरीजों का दावा किया जो कि इलाज के लिए आए थे। इनको भी मिल के 106 ही होता है इनकी सच्चाई क्या थी। एक दिन अचानक से पता चल के वो 104 लोग भी कहीं बड़े अजीब तरीके से गायब हो गए। इस लिए उन दो लोगों कि कहानी को उनके साथ जोड़ा न जा सका। चूंकि वो 104 लोग मानसिक रोगी थे  और ऊटपटाँग बातें भी कर रहे थे इसलिए उनपर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। 

इसके बात इस ट्रेन के बारे मे सबसे खतरनाक, सबसे भयावह और जो सबसे बड़ी जानकारी सामने आई वो ये थी कि "जेनिटी कंपनी कि बिल्कुल हूबहू ट्रेन उसी रंग, रूप, डिजाइन, साइज़.. वाली एक ट्रेन अलग - अलग वक्त मे  अलग -अलग देशों मे भी देखा गया। कभी इसको रूस मे देखा  गया, तो कभी इसको जर्मनी तो कभी रोमेनिया, तो कभी इसको मैक्सिको मे भी देखा गया। यहाँ तक तो बात समझ आती है। लेकिन ये ट्रेन चली थी 1911 मे और  1911 से ठीक 71 साल पहले 1840 मे मैक्सिको मे ये हूबहू ट्रेन देखी गई थी। जिसमे बिल्कुल वही इंजन, वही 03 डिब्बा तथा शक्लों -सूरत से भी वही डिजाइन। 
    
अब बात यहाँ आके  फसती है कि ये ट्रेन पहली बार देखी गई 1840 मे मैक्सिको मे, ट्रेन को जेनिटी कॉम्पनी ने इस ट्रेन को पहली बार बनाया 1911 मे जिसमे 100 यात्रियों को बिठाया 06 ट्रेन के कर्मचारी थे। और ये ट्रेन 1911 मे इटली से गायब हुआ था। लेकिन सोचने वाली बात ये है कि अगर ये ट्रेन 1911 मे  बनी और इटली से गायब हुई थी तो ये  ट्रेन 1840 मे मैक्सिको मे कैसे देखी गई थी। और अगर ये ट्रेन 1840 मे पहली बार दिखी तो 1911 तक  ये  ट्रेन क्यूँ नहीं दिखाई दी और जब ये ट्रेन 1911  मे वापस से आई फिर वो 02 लोग और 104 लोग कौन थे फिर हूबहू वही ही ट्रेन रूस, फिर जर्मनी, फिर रोमानिया और फिर मैक्सिको के लोगों ने कैसे देखने का दावा किया। आखिर कार इस ट्रेन का रहस्य है क्या?

आज हम 2021 मे है और अगर हम बात 1911 से भी करे  तो 110 साल होने को आए है लेकिन इस बात का कोई पुख्ता सबूत आज भी किसी के पास नहीं है बाकायदा इस  घटना के  सारे कागजात आज भी इटली सरकार के पास मौजूद है। इसके बारे मे सिर्फ एक बात काही जाती है कि उस ट्रेन ने जब उस सुरंग मे प्रवेश किया तो वे किसी टाइम ज़ोन या टाइम मशीन मे जाकर फस गई और वो इस समय से बहुत आगे निकाल गई शायद इसलिए वो ट्रेन कभी 1840 मे मैक्सिको मे दिखती है तो कभी रूस मे तो कभी जर्मनी मे तो कभी रोमानिया मे .... । लेकिन इस ट्रेन का क्या हुआ  ये आज तक किसी को नहीं पता। इटली मे आज भी इस ट्रेन के रहस्य को दुनिया के बड़े रहस्यों मे एक माना  जाता है। अगर आपके पास इसके बारे मे कोई जानकारी मिले तो हमे जरूर बताइएगा जिससे कि इस कहानी को भी अंत नशीब हो।  
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