भविष्य को नियंत्रित करने की कोशिश
यह कहानी जुनून के खतरों और अपने भाग्य को नियंत्रित करने के प्रयासों के अप्रत्याशित परिणामों के बारे में चेतावनी देती है।
ये घटना अमेरिका के ऑरेगन स्टेट के एक शहर "पोर्टलेंड" का है। इस शहर के बारे मे कहा जाता है कि पोर्टलेंड ऑरेगन स्टेट का सबसे घनी आबादी वाला क्षेत्र है। ये अमेरिका के सबसे ठंढे इलाकों मे से एक भी है क्यूंकी यहाँ पर बर्फ रहती है इसीलिए यहाँ का आईस स्केटिंग भी काफी चर्चित है।
तो, ये जो कहानी है, "अन्नोंरा पेट्रोवा" की है, जो ऑरेगन स्टेट के शहर "पोर्टलेंड" मे रहती है। इनका जन्म 05 मई 1991 को "पोर्टलेंड" मे हुआ था। ये अपने माता - पिता के साथ मे ही रहतीं थीं। उनका बचपन से ही आईस स्केटिंग का बहुत सौख था चूंकि वो जहां रहती थी वहाँ काफी बर्फ पड़ती थी। उस वक्त वहाँ पर आईस स्केटिंग काफी बहुचर्चित था। वहाँ के माहौल के हिसाब से उनके काफी सारे मित्र भी आईस स्केटिंग करना चाहते थे। उनके सभी मित्र उनको "एंनी" कहकर बुलाते थे। उन्होंने काफी काम उम्र मे ही आईस स्केटिंग करने लगी थी।
वो स्कूल से हीं, छोटे - छोटे आईस स्केटिंग के मुकाबलों को जीतने भी लगी थी। धीरे -धीरे उसका आईस स्केटिंग के लिए जनून को देखते हुए उसके माता- पिता ने उसके इस प्रतिभा को और बढ़ावा देने के लिए एक कोच भी रख दिए। एंनी और ज्यादा मेहनत करने लगी और आईस स्केटिंग मे और महारत हासिल करने लगी। उसने महज 13 साल की उम्र मे ही कई सारे मुकाबले और चॅम्पियनशीप भी जीत चुकी थी। इतनी काम उम्र मे उसकी कमियाबी ने उसको पोर्टलेंड मे काफी चर्चा मे ला दिया था। उसकी काबिलियत को देखते हुए लोगों कि उम्मीद उससे ओलंपिक मे मेडल लाने ले लिए भी जुडने लगी थी।
13 साल की उम्र तक सब कुछ ठीक था। वो बहुत ही होनहार खिलाड़ी के रूप मे उभरी। अन्नोंरा पेट्रोवा की जिंदगी मे एक नया मोड तब आया जब उसको एक मुकाबले मे हिस्सा लेना था जो कि पोर्टलेंड मे ही था उस मुकाबले का नाम था "दि क्रिस्टल क्लासिक चॅम्पियनशीप"। चूंकि, वो इस चॅम्पियनशीप मे हिस्सा लेने के लिए चुनी जा चुकी थी और अब उसकी नजर क्रिस्टल क्लासिक चॅम्पियनशीप की उस चमकदार ट्रॉफी पर थी। यहीं से कहानी में या यूं कहा जाए तो भी गलत नहीं होगा कि मिस पेट्रोवा कि जिंदगी मे एक बहुत बाद बदलाव आया।
वो चॅम्पियनशीप के ठीक एक रात पहले इंटरनेट पर कुछ ढूंढ रही थी। तभी उसके दिमाग मे आया के मैंने 13 साल कि उम्र तक मे इतने सारे मुकाबले जीते तथा काफी चॅम्पियनशिप भी जीते है देखते है क्या मेरे बारे मे भी इंटरनेट पर कुछ लिखा हुआ है या नहीं। इसी चाह मे वो इंटरनेट पर खुद को ढूँढने लगती है। काफी सारे पेज को देखने के बाद अचानक से उसकी नजर एक पेज पर पड़ती ही जिसको देखते ही वो काफी हैरान हो जाती है। उसने देखा कि इंटरनेट पर बाकायदा उसका एक विकिपीडिया का पेज बना हुआ है। जब उसने उसे पढ़ा तो पता चल के उसने 13 साल कि उम्र मे जीतने भी मुकाबले जीते उस सब का व्यवरा वहाँ मौजूद था यही नहीं उसकी व्यक्तिगत जिंदगी के बारे मे जैसे - उसके माता -पिता और उसके बारे मे हर वो बात जो बहुत काम लोग जानते थे वो वहाँ पर मौजूद थी। उसे इस बात को जानकार बड़ी हैरानी हुई कि आखिर ऐसा क्यूँ था।
लेकिन जब वो विकिपीडिया के अचिवर पेज को देख रही थी तभी एक लाइन पर उसकी नजारे जाम सी गई उस लाइन मे लिखा था "अन्नोंवा पेट्रोवा दि क्रिस्टल क्लासिक चॅम्पियन"। ये पढ़ने के बाद वो बहुत ज्यादा ही हैरान हुई। क्युकी वो चॅम्पियनशिप कल था और अभी उसने उस चॅम्पियनशीप को अभी खेलना अभी बाँकी था। लेकिन फिर भी उस विकिपीडिया मे उसके नाम के आगे दि क्रिस्टल क्लासिक चॅम्पियन क्यूँ था। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। लेकिन फिर वो ये सोच कर खुद को तसल्ली देती है कि हो सकता है ये पेज उसके पिता ने अपनी बेटी का हौसला बढ़ाने के लिए ये पेज बनाया हो और जो चैम्पियनशिप कल होने वाली है उस चॅम्पियनशीप के विनर के रूप मे उसका नाम उस पेज मे जोड़ दिया हो। फिर उसने अपने पिता इस बारे से पूछा। तो उसके पिता ने साफ शब्दों मे इनकार कर दिया। उन्होंने कहा के मुझे ऐसे किसी पेज या किसी विकिपीडिया पर तुमहारे बारे मे ऐसा कुछ लिखने कि क्या जरूरत है। ये बात तो मैं तुम्हारी मुंह से पहली बार सुन रहा हूँ। ये सुन वो थोड़ी परेशान हो जाती है कि अगर उसके पिता ने उस पेज को नहीं बनाया तो फिर एसब कौन लिख रहा है।
जैसे - तैसे रात बीती और मुकाबले का वक्त भी हो आया उसने अपना सबसे बेस्ट देते हुए बड़े ही हैरतअंगेज अंदाज से खेलते हुए उस क्रिस्टल क्लासिक चॅम्पियनशिप के खिताब को अपने नाम कर लेती है। ठीक वैसे ही जैसा कि उस विकिपीडिया मे उसके बारे मे लिखा था। वो बहुत खुश थी। अब वो अपना ज्यादातर समय विकिपीडिया के उस पेज पर देने लगी। जैसा विकिपीडिया मे लिखा होता वो ठीक वैसा ही करती थी। जैसे उसके हाथ मे उसके खुद का भविष्य देखने कि क्षमता आ गई हो।
जिस तरीके से अन्नोंरा पेट्रोवा अपने सारे मुकाबले जीत रही थी के उसने ओलंपिक के लिए अपनी दावेदारी को पक्का कर लिया था। जिस दिन उसे इसस बात कि खबर मिली के उसका चयन ओलंपिक के लिए हो गया है ये सुन वह बाट खुश होती है फिर आगे के बारे मे जानने के लिए वो विकिपीडिया को जाकर देखती है कि ओलंपिक के बारे मे के ओलंपिक के बारे मे विकिपीडिया क्या कहती है। वो जानना चाहती है कि वो ओलंपिक मे कैसा खेलेगी और वो ओलंपिक मे जितेगी के नहीं इन सभी बातों को लेकर वो बड़े ही उत्साह से अपने सवालों के जवाब ढूंढ रही थी मगर उसको इस बारे मे कहीं कुछ मिली नहीं।
फिर उसने खुद से ही विकिपीडिया पर जाकर उस पेज पर खुद को ओलंपिक मे जीता हुआ बताना चाहती है साथ उसमे दी गई उसके बारे मे कुछ जानकारियों को भी बदलना चाहती है। लेकिन वो ऐसा नहीं कर सकी। उसने काफी कोशिश किया पर उस जानकारी को वो बदलने मे नाकामियाब रही। यहीं पर अन्नोंरा पेट्रोवा से एक बहुत बड़ी गलती हो गई।
अंत मे वो परेशान हो कर उठ जाती है। फिर थोड़ी देर बाद वो वापस आकर फिर से विकिपीडिया को खोलती है। इस उम्मीद से कि शायद इस बार वो विकिपीडिया पर मौजूद जानकारियों को शायद बदल सके लेकिन इस बार जैसे हो वो विकिपीडिया के पेज को देखती है वो बहुत हैरान होती है क्यूँ कि वहाँ कि बहुत सारी जानकारियाँ पहले से ही बदली ही है। वो जो लिखना चाहती थी उन बातों को तो वो लिख नहीं पाई थी जो जानकारियाँ उसको बदलना था उसको तो वो बदल नहीं सकी थी। उसकी जगह पर बहुत सारी नई जानकारियाँ बदल चुकी थी यहाँ तक कि उसके भविष्य के बारे मे भी काफी सारी बातें भी वहाँ पर बदल चुकी थी और उमसे जो एक जगह पर बहुत ही खतरनाक और डराने वाली चार लाइने थी जिसे देख अन्नोंरा पेट्रोवा काफी ज्यादा घबरा गई। उसमे लिखा था "Annora Petrova is a selfish little bich. Who is going to get not she deserve.."(एनोरा पेट्रोवा एक स्वार्थी छोटी लड़की है। उसे नहीं मिलने वाला, जिकसे वह लायक है।). इसके बाद लिखा था "Annora Petrova is an orphan child. Her mom and Dad was ded on a car accident." (अन्नोरा पेट्रोवा एक अनाथ लड़की है। उसके माँ और पिताजी की एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई है।) अब ये बात को पढ़कर अन्नोरा पेट्रोवा के होश ही उड़ गए। चूंकि उसके मां और पिता तो अभी जिंदा थे। फिर उसमे ऐसे क्यूँ लिखा था। वो भाग कर दूसरे कमरे मे जाकर देखती है लेकिन उसके माता -पिता उस वक्त घर मे नहीं है। वो फोन करती है पर कोई फोन को नहीं उठता है कई बार वो फोन मिलती है मगर कोई जवाब ही नहीं देता। लेकिन इस बार किसी ने फोन उठाया मगर दुशरी ओर से बोलने कि जगह किसी के हसने कि आवाज आती है बस और फोन कट जाता है। उसके बाद बार-बार नंबर डायल करने के बावजूद कोई फोन नहीं उठता। थोड़ी देर बाद ही उसे खबर मिलती है कि उसके मता-पिता दोनों के ही कार दुर्घटना मे मृत्यु हो गई है। इसके बाद तो जैसे उसके पैरों तले जमीन ही खिसक गई।
अब विकिपीडिया से उसको डर लगने लगा। क्यूंकी अभी तक विकिपीडिया मे जैसा लिखा था ठीक एक एक कर वैसा ही हो रहा था। इस हादसे का अन्नोरा पेट्रोवा के ऊपर बहुत गहरा असर पडा इसके बाद वो बहुत ज्यादा ही डिप्रेसन मे चली गई। हाल ये हो गया के उसे ओलंपिक से भी बाहर निकाल दी गइ। अब वो किसी मुकाबले मे हिस्सा भी नहीं ले पाती थी। आलम ये हो गया के अब वो इन सभी चीजों से दूर होती चली गई। उनके रिस्तेदारों ने उनका बहुत से जगहों पर इलाज भी करवाया।
वक्त बीतता चला गया गया। वो कहते है ना वक्त बड़े से बड़ा जखम भी भर देता है। धीरे-धीरे अन्नोरा पेट्रोवा भी वापसी कि कोशिशे करने लगी। इसी दौरान वो स्विट्जरलैंड खेलने गई और जीत के वापस आई फिर अमरीकन जूनियर चॅम्पियनशीप टूर्नामेंट मे भी हिस्सा लिया और उसे भी जीत कर आयी। इन सब मे पेट्रोवा ने एक चीज जो नहीं किया वो था कि अपने माता-पिता कि मृत्यु के बाद विकिपीडिया को पढ़ना बिल्कुल ही बंद कर दिया था। उसने अब विकिपीडिया को कभी ना खोलने कि कसम ले ली। अब पेट्रोवा कि जिंदगी भी धीरे- धीरे फिर से ट्रैक पर लौट आई थी। इसी दौरान उसने काफी सारे मुकाबलों मे हिस्सा भी लिया और उसको जीता भी।
कुछ सालों के बाद पेट्रोवा को एक दिन अचानक से ख्याल आया के चलो अब जाकर देखते है कि क्या अभी भी विकिपीडिया मे मेरे बारे मे कुछ लिखा जा रहा है या नहीं। अब तो काफी टाइम भी हो गया है माँ -पापा कि मृत्यु को भी एक बार देखा जा सकता है कि क्या विकिपीडिया मे अब मेरे बारे मे क्या लिखता है। लेकिन फिर उसने खुद पर काबू किया और अपने खेल पर ध्यान देने लगी।
पेट्रोवा के बारे मे फिर से चर्चा होने लगी और तो और उसे फिर से ओलंपिक के खेल मे अमेरिका की एक प्रबल दावेदार के रूप मे देखा जाने लगा। बार -बार उसके दिल मे आता के वो विकिपीडिया को जाकर देखे परंतु वो डर जाती के पता नहीं इस बार क्या नया लिखा मिल जाए। ये सोच वो रुक जाती। वो बहुत ही कशमकश मे थी कि वो विकिपीडिया खोले या ना खोले।
फिर, 24 ऑक्टोबर 2010 का दिन था उस वक्त वो 19 साल की थी। उसने ये निश्चय किया के आज वो विकिपीडिया को खोलेगी और उसमे क्या लिखा है उसके बारे पढ़ेगी, इस बार के ओलंपिक कि दावेदारी के बारे मे उसमे क्या लिखा है उसे वो देखेगी साथ वो ये भी तय करती है की इस बार वो विकिपीडिया को आखरी बार खोलेगी फिर उसको वो कभी नहीं खोलेगी।
इसबार विकिपीडिया को खोलते ही उसने वहाँ जो पढ़ा उसको पढ़ते ही उसके पैरों तले जमीन ही खिसक गई। उसमे लिखा था कि "अन्नोरा पेट्रोवा जो कि अमेरिका जूनियर आईस स्केटिंग विनर थी, जो कि एक अनाथ थी इस अनाथ कि मौत लालच और अकेलेपन कि वजह से हो गई।" इसे पढ़ते ही वो बहुत ज्यादा ही डर गई।
इस बात को बीते 4 दिन हो गया था। लेकिन वो अपने घर से बाहर नहीं निकली थी। उसके पड़ोसियों को कुछ शक हुआ। उन्होंने पुलिस को खबर कि और बताया कि "पेट्रोवा अपने घर से पिछले 4 दिनों से बाहर ही नहीं आई है और उसका घर भी अंदर से बंद है साथ ही पेट्रोवा अपने ट्रेनिंग और प्रेक्टिस पर भी नहीं जाती दिखी है। तो पोर्टलेंड पुलिस वहाँ आती है पहले तो वो दरवाजे को नॉक करती है लेकिन जब अंदर से कोई जवाब नहीं मिल तो वो घर के दरवाजे को तोड़ घर के अंदर प्रवेश कर जाती है अंदर जाते ही देखती है कि पेट्रोवा अंदर अपने ही कंप्युटर टेबल पर ही मृत पड़ी है और उसकी लाश को देख कर पुलिस ने इस बात का अंदाजा लगाया कि इसे मारे काम से काम 3 से 4 दिन तो हो ही गए थे। पुलिस लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाती है।
इसके बाद तफतीश शुरू कि जाती है कोई सुराग नहीं मिलता। काफी मशक्कत के बाद जब पुलिस पेट्रोवा के कंप्युटर को छनती है तो उन्हे एक लेटर मिलता है जिसे उसने अपने एक साथी आईस स्केटर को लिखा होता है। उस लेटर मे उसने अपनी पूरी कहानी शुरू से बताई थी। लेकिन उस लेटर को वो भेज नहीं सकी थी। फिर पुलिस उसके मित्र से भी पूछताछ भी करती है पर कुछ पता नहीं चलता । फिर पुलिस विकिपीडिया के जरिए भी केश कि छनबीन करती है। अंत मे पुलिस कुछ कड़ियों को एक साथ मिलाती है पहली के जिस दिन पेट्रोवा के माता पिता के साथ वो दुर्घटना हुई थी उसने कई बार फोन किया जिसमे एक बार हसने कि भी आवाज आती है जैसा के लेटर मे लिखा था लेकिन जब इस बात को जब पुलिस ने टेलीफोन रिकार्ड से मिलती है तो पता चलता है के पेट्रोवा ने अपने माता पिता को एक बार भी फोन नहीं किया था। दूसरी बात उसने अपने किसी भी दोस्त से अपने विकिपीडिया के बारे मे कभी कोई बात नहीं कि थी। तीसरा बात पुलिस को कभी वो विकिपीडिया का पेज मिला ही नहीं जिसके बारे मे पेट्रोवा ने अपने लेटर मे लिखा था। चौथी बात विकिपीडिया से पूछताछ मे पता चला के ऐसा कोई पेज कभी अस्तित्व मे था ही नहीं जिसे उसके बारे मे उस लेटर मे लिखा गया था।
सारी तफतीश के बात पोर्टलेंड पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि ये सारी कहानीयां पेट्रोवा के मन मे रची कहानी मात्र थी। वो बचपन से ही एक प्रकार के मानसिक रोग या डिप्रेसन कि शिकार थी। अन्नोरा पेट्रोवा कि ये कहानी आज भी पोर्टलेंड पुलिस के फाइलों मे खुला हुआ है इसकी FIR कॉपी और पेट्रोवा का लिखा वो लेटर आज भी इस कहानी को बयान करता है। ये मिस्ट्री आज भी पोर्टलेंड पुलिस के लिए अनसुलझा एक पहेली बनकर रह गया है।
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