सैंटियागो फ्लाइट 513:
समय यात्रा या सिर्फ एक अफवाह?

1954 और 1989 के बीच कथित तौर पर सैंटियागो फ्लाइट 513 के साथ हुई रहस्यमयी घटना की कहानी दशकों से 'अलौकिक' के विश्वासियों के बीच चक्कर लगा रही है, लोगों को यकीन नहीं है कि इसका क्या बनाया जाए।
1989 में टैब्लॉइड वीकली वर्ल्ड न्यूज द्वारा प्रकाशित एक लेख के अनुसार, सैंटियागो एयरलाइंस 513 ने 4 सितंबर, 1954 को आचेन, पश्चिम जर्मनी से 88 पेसेन्जर और 4 क्रूऊ मेम्बर के साथ उड़ान भरी और उसे 18 घंटे के बाद ब्राजील के पोर्टो एलेग्रे हवाईअड्डे पर पहुंचना था।

सैंटियागो एयरलाइंस 513 के उड़ान भरने के बाद तकरीबन 2 से 2.30 घंटों तक एयरलाइंस 513 का संपर्क आचेन के हवाई अड्डे से था। लेकिन जब हवाई जहाज अटलांटिक महासागर के ऊपर उड़ान भर रहा थे तभी आचेन के हवाई अड्डे से सैंटियागो एयरलाइंस 513 का संपर्क टूट गया लाख कोशिशों के बाद भी जहाज के साथ किसी भी तरह का संपर्क स्थापित नहीं किया जा सका हवाई जहाज अटलांटिक महासागर के बीच से ही कहीं गायब हो गया। लापता होने के समय, अधिकारियों का मानना था कि विमान किसी दुर्घटना का शिकार हो गया था। इसलिए जर्मनी कि सरकार ने उस जहाज के अवशेषों को ढूंढ निकालने के लिए अपने खोजी दस्ते को अटलांटिक महासागर ने भेजा। लेकिन उनको नाकामियाबी ही हासिल हुई। उसके बाद उस जहाज को ढूँढने के लिए दुनिया के बेहतरीन और नामचीन खोजी कॉम्पनियों को बुलाया गया लेकिन उनको भी कुछ हाथ न लगा। इस प्रक्रिया मे तकरीबन 3- से 4 साल लग गए। खोजी टीमों ने अपनी रिपोर्ट जर्मनी कि सरकार को सौंप दी। जर्मनी कि सरकार ने उस विमान को दुर्घटनाग्रस्त और उसमे सवार सभी 88 पेसेन्जर और 4 क्रूऊ मेम्बर मृत घोषित कर दिया।
समय अपनी गति से गुजरता रहा इस घटना को सब लगभग भूल चुके थे आखिर भूलें भी क्यूँ न इसे घाटे तकरीबन 35 साल हो चुका था। सैंटियागो एयरलाइंस को 1956 मे बंद कर दिया गया।
फिर, अचानक से एक दिन तारीख 12 अक्टूबर 1989 को एक अनजान हवाई जहाज ब्राजील के उसी हवाई अड्डे पोर्टो एलेग्रे के ऊपर चक्कर लगाने लगा। इस अनजाने जहाज को देख पोर्टो एलेग्रे के सभी ग्राउन्ड स्टाफ घबरा गए। उस जहाज के पायलेट से संपर्क साधने कि कोशिश करने लगे लेकिन उस विमान से कोई जवाब नहीं आया। तुरंत ही वहाँ के सुरक्षा कर्मियों ने उस हवाई अड्डे के रनवे को खाली करवाने लगे ताकि अगर वो लैंड करना चाहे है तो आसानी से कर सके। वहाँ के सुरक्षा कर्मियों का अंदाज बिल्कुल सही निकला। वो हवाई जहाज लैंड ही करना चाह रहा था। लेकिन सब इस बात से घबरा रहे थे कि इस विमान ने लैंड करने से पहले पोर्टो एलेग्रे के एटीसी (एयर ट्राफिक कोन्टरोलर) से इजाजत मांगी ही नहीं और सीधा विमान को रनवे पर उतार दिया। विमान कि लैंडिंग मे किसी भी तरह कि परेशानी नहीं हुई और वो सुरक्षित अपनी जगह पर आ कर रुक गई।
हवाई जहाज तुरंत ही सुरक्षा कर्मियों ने अपने घेरे मे ले लिया। विमान एकदम नया चमकता हुआ नजर आ रहा था। बिल्कुल नए विमान कि तरह लेकिन जैसे ही वहाँ के ग्राउन्ड स्टाफ कि नजर ऊपर लिखे विमान के नाम पर गई तो सभी के होश ही उड़ गए । वो जहाज सैंटियागो एयरलाइंस का था जो सैंटियागो एयरलाइंस 513 के दुर्घटनाग्रस्त होने के 02 साल बाद ही बंद हो गया था और अब वो कोई जहाज नहीं बनाता था। उससे भी अजीब ये था के विमान से कोई बाहर ही नहीं आ रहा था। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था ।
फिर कुछ देर के पश्चात वहाँ के कुछ ग्राउन्ड स्टाफ को विमान के अंदर भेजा गया लेकिन जैसे ही ग्राउन्ड स्टाफ विमान के अंदर पहुंचे कि अंदर का नजारा देखते ही वो चीखते हुए विमान से बाहर कि ओर भागे। जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया के विमान की सीटों पर कोई इंसान नही बल्कि उनके कंकाल बैठे है, यहाँ तक के ऐरहोस्टेस के कंकाल भी अपनी जगह पर ही बैठी है और तो और उन सबों ने अपनी - अपनी सीट बैल्ट भी लगा रखी है। उसके बाद कुछ अन्य ग्राउन्ड स्टाफ को भी विमान के अंदर भेजा गया, उन्हें भी वही नजारा देखा। उनलोगों ने विमान के पायलेट से मिलने के लिए कॉकपिट का दरवाजा खोला तो वहाँ पर सबसे हैरान करने वाला नजारा था, क्योंकि विमान के दोनों पायलट भी कंकाल ही थे। जिनमे से एक ने विमान को कंट्रोल करने वाले हैंडिल को पकड़ के रखा था। जैसे कि वो विमान को चलते समय ही कंकाल मे तब्दील हो गया हो। जब उन सबों को गिन गया तो कुल मिल कर 88 पैसेंजर और 04 क्रूऊ मेम्बर थे।

इस कहानी को टैब्लॉइड वीकली वर्ल्ड न्यूज मैग्जीन में 14 नवंबर 1989 को छापी गई थी। इस कहानी को छापने वाले पत्रकार का नाम था इरविन फिशर। जब लोगों ने इस कहानी को पढ़ा तो इसे सच मानने से इनकार कर दिया, क्योंकि ब्राजील की सरकार के तरफ से ऐसी कोई भी जानकारी लोगों के साथ साझा नहीं कि गई थी। लेकिन ऐसा भी माना जाता है कि ब्राजील की सरकार ने इस रहस्यमयी विमान की लैंडिंग की कहानी इसलिए भी किसी को नहीं बताई क्यूंकी कहीं इससे लोगों के अंदर भय का माहौल पैदा न हो जाए. लेकिन आज भी इस बात कि सच्चाई को कोई नहीं जान पाया। उस विमान ने हकीकत में लैंडिंग हुई थी या नहीं इस बात को कोई नहीं बात सकता। कहानी फर्जी थी और ख्याति पाने के लिए थी इस बात कि पुस्ति तो सिर्फ इरविन फिशर ही कर सकते है।
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